White जी रहा हूँ जिस्म से पर रूह मेरी छलनी हैं ना | हिंदी शायरी

"White जी रहा हूँ जिस्म से पर रूह मेरी छलनी हैं ना जाने कितनों के आगे यह तकदीर मेरी जलनी है जवानी आती हैं एक बहार की तरह यह उम्र भी एक दिन अनुभवों के साथ ढलनी हैं सोचता हूँ हर सुबह सूरज को देख कर गुमों के बादलों से ढक गयी हैं ज़िन्दगी मेरी यह उम्मीद की धूप आखिर किस दिन निकलनी हैं बहुत रो चुका अपनी मोहब्बत के जनाजे पर मुझे अपनी किस्मत अपने हुनर से बदलनी हैं जीवन का सफ़र गुज़रता हैं हर जाने वाले पल के साथ कभी मोह कभी माया के साए में यह ज़िन्दगी चलनी हैं थक गया हैं यह मुसाफिर मज़िल की तलाश अक्सर सो जाता हूँ अपनी माँ के चरणों में यह जिंदगानी यह कहानी अब उनके आशीर्वाद से संभलनी हैं जीते हैं आज कल सब अकड़ के , किसी एक बात को पकड़ के यह महफ़िल की शमा भी एक दिन अपने खुद के आगे पिघलनी हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji"

 White जी रहा हूँ जिस्म से पर रूह मेरी छलनी हैं 
ना जाने कितनों के आगे यह तकदीर मेरी जलनी है  

जवानी आती हैं एक बहार की तरह 
यह उम्र भी एक दिन अनुभवों के साथ ढलनी हैं

सोचता हूँ हर सुबह सूरज को देख कर 

गुमों के बादलों से ढक गयी हैं ज़िन्दगी मेरी 
यह उम्मीद की धूप आखिर किस दिन निकलनी हैं

बहुत रो चुका अपनी मोहब्बत के जनाजे पर 
मुझे अपनी किस्मत अपने हुनर से बदलनी हैं

जीवन का सफ़र गुज़रता हैं हर जाने वाले पल के साथ 
कभी मोह कभी माया के साए में यह ज़िन्दगी चलनी हैं

थक गया हैं यह मुसाफिर मज़िल की तलाश 

अक्सर सो जाता हूँ अपनी माँ के चरणों में  
यह जिंदगानी यह कहानी अब उनके आशीर्वाद से संभलनी हैं

जीते हैं आज कल सब अकड़ के , किसी एक बात को पकड़ के 
यह महफ़िल की शमा भी एक दिन अपने खुद के आगे पिघलनी हैं 

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©Sethi Ji

White जी रहा हूँ जिस्म से पर रूह मेरी छलनी हैं ना जाने कितनों के आगे यह तकदीर मेरी जलनी है जवानी आती हैं एक बहार की तरह यह उम्र भी एक दिन अनुभवों के साथ ढलनी हैं सोचता हूँ हर सुबह सूरज को देख कर गुमों के बादलों से ढक गयी हैं ज़िन्दगी मेरी यह उम्मीद की धूप आखिर किस दिन निकलनी हैं बहुत रो चुका अपनी मोहब्बत के जनाजे पर मुझे अपनी किस्मत अपने हुनर से बदलनी हैं जीवन का सफ़र गुज़रता हैं हर जाने वाले पल के साथ कभी मोह कभी माया के साए में यह ज़िन्दगी चलनी हैं थक गया हैं यह मुसाफिर मज़िल की तलाश अक्सर सो जाता हूँ अपनी माँ के चरणों में यह जिंदगानी यह कहानी अब उनके आशीर्वाद से संभलनी हैं जीते हैं आज कल सब अकड़ के , किसी एक बात को पकड़ के यह महफ़िल की शमा भी एक दिन अपने खुद के आगे पिघलनी हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji

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