White आजादी तो सिर्फ अंग्रेजो से मिली है
भ्रष्टाचार, और जुर्म की जड़े तो
आज इतनी गहरी हो गई है
कि,सारी जनता इनके सामने
गूंगी और बहरी हो गई है।
सही मायने में आजादी
जुर्म से मुक्ति है, लेकिन जुर्म
शान से कह रहा है,
मैं आजाद हूं तुम नही ,
भ्रष्टाचार, और बलात्कार
इनका नही है कोई आकार ।
कहते है, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
पर बेटी बच कहां रही है
वो तो आज भी बेटी होने पर रो रही है।
हे भारतवासियों, आजादी का जश्न तब मानना
जब इन सब से, आजाद हो जाओ।
नही तो गूंगे बहरे हो कर सो जाओ।
कर्त्तव्य पथ पर चल ना सका
है मां, मैं तेरे लिए लड़ ना सका
बुराई के इस दलदल से,
चाह कर भी, मैं निकल ना सका।
©Nisankoch Singh
#happy_independence_day