ज़िन्दगी की तालाश खत्म नही होती ,
किसी अपने से मुलाकात यूही नही होती ,
तरस जाती है निगाहे सच्चे प्यार के खातिर ,
क्योंकि ज़िन्दगी अपनो के पास होकर दिलो से पास नहीं होती !
©Atit Arya
ज़िन्दगी की तालाश खत्म नही होती ,
किसी अपने से मुलाकात यूही नही होती ,
तरस जाती है निगाहे सच्चे प्यार के खातिर ,
क्योंकि ज़िन्दगी अपनो के पास होकर दिलो से पास नहीं होती !
#Journey