ऐसे स्याह उजालों का मुझे अफ़सोस बहुत है
बेहिसाब अच्छे दिखने की चाह में खोट बहुत है
सखी झूठे बहानों की मक्कारों को ओट बहुत है
देती नहीं दिखाई बेशक दिल में मेरे चोट बहुत है
सूख गए सब फूल बेल के वो कहते है ओस बहुत है
उन्हें नहीं अफसोस कत्ल का कह दिया ना दोष बहुत है
बबली गुर्जर
©Babli Gurjar
#दोष