इश्क की दास्तां ही कुछ ऐसी है सांसों की रफ्तार कभी | हिंदी Poetry Vide

"इश्क की दास्तां ही कुछ ऐसी है सांसों की रफ्तार कभी तेज तो कभी ठहरी है डूब जाते हैं इसमें अच्छे अच्छे तैराक क्यूंकि इसकी गहराई समुंदर से भी गहरी है। ©Karan Kumar "

इश्क की दास्तां ही कुछ ऐसी है सांसों की रफ्तार कभी तेज तो कभी ठहरी है डूब जाते हैं इसमें अच्छे अच्छे तैराक क्यूंकि इसकी गहराई समुंदर से भी गहरी है। ©Karan Kumar

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