एहसासें -मोहब्बत तुमसे बयां करु मैं कैसे
अल्फाज़ो में कहाँ समाते हो तुम
सांसो में घुल गए हो जैसे
सुबहों की ताज़गी
हर रात की ख़ुमारी बन गए हो जैसे
तेरे इश्क़ का इशारा जीने की वजह दे गया
उन नजरों की उलझनों में
सारे सवाल सुलझ गए हो जैसे
इन निगाहों की खामोशी को
इतने अल्फाज दिए हैं तुमने
कि ये तुम्हारी लिखी किताब बन गए हो जैसे
©Anupama
#romanticstory