"स्वाभिमान" इन्सान का वो अनमोल गहना है
जिसे इंसान जबतक धारण किए होता है,रौनक
बनी रहती है। इसे खो देने पर न रौनक रहती है
न सम्मान।
खुद को इतना भी सस्ता मत बनाओ कि लोग
इज्जत करना ही छोड़ दें।
प्रेम, दिल या चाहत पर उमर की बंदिशें नहीं होती। हां, इस सत्य को लोग छिपाते हैं शराफत
का चोला पहनकर।
हर किसी से हालेदिल या दर्द को बयां करना
राहत नहीं पहुंचता है बल्कि या तो तमाशा
बनाता है या बहुत बड़ी गलती का एहसास
करता है।.....🌹🙏नागेंद्र
©नागेंद्र किशोर सिंह
# यही कड़वा सच है # मेरी कलम से #