अगर में लिखूं स्वयं तो तुम एकांत समझ लेना
अगर में लिखूं संघर्ष तो तुम जीवन समझ लेना
अगर में लिखूं दिनकर तो तुम नई राह समझ लेना
अगर में लिखूं सुकून तो तुम शाम समझ लेना
अगर में लिखूं मंज़िल तो तुम चांद समझ लेना
अगर में लिखूं दिल तो तुम सच समझ लेना
अगर में लिखूं अंत तो तुम मणिकर्णिका घाट समझ लेना
©Tinshu
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