Red sands and spectacular sandstone rock formations कुछ ख्वाहिशें तंग कर गयी।।
कुछ तंग जज़्बात लिए बैठें हैं।
कुछ ख्वाबों की उदासी।।
कुछ यादों की बारात लिए बैठें है।।
तुम मौसमी परिंदे निकले।
निकल गये वक्त के साथ।।
होकर ज़ो गुज़री थी हमसे।
आंखों में।
वहीं सावन की बरसात लिए बैठें हैं।।
फिक्रमंद न हो कि अकेले है हम।
हम और हमारी तन्हाई
और कुछ ख्यालात लिए बैठें हैं।।
©मनु
#Sands शायरी हिंदी शायरी वीडियो शायरी लव शेरो शायरी शायरी लव