बहुत मसरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो, न ये पूछा | English Shayari

"बहुत मसरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो, न ये पूछा कहाँ पे हो न यह जाना के कैसे हो। क्यूँ करते हो मेरे दिल पर इतना सितम? याद करते नहीं, तो याद आते ही क्यूँ हो। ना तुम बुरे सनम, ना हम बुरे सनम, कुछ किस्मत बुरी है और कुछ वक्त बुरा है। ©shayari,Quotes and jokes ki duniya"

 बहुत मसरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो,
न ये पूछा कहाँ पे हो न यह जाना के कैसे हो।
क्यूँ करते हो मेरे दिल पर इतना सितम?
याद करते नहीं, तो याद आते ही क्यूँ हो।
ना तुम बुरे सनम, ना हम बुरे सनम,
कुछ किस्मत बुरी है और कुछ वक्त बुरा है।

©shayari,Quotes and jokes ki duniya

बहुत मसरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो, न ये पूछा कहाँ पे हो न यह जाना के कैसे हो। क्यूँ करते हो मेरे दिल पर इतना सितम? याद करते नहीं, तो याद आते ही क्यूँ हो। ना तुम बुरे सनम, ना हम बुरे सनम, कुछ किस्मत बुरी है और कुछ वक्त बुरा है। ©shayari,Quotes and jokes ki duniya

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#sanjitchaurasiya

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