ये आखरी संदेशा तुम्हे भेज रही हूँ...
तुम्हारी दूरियों से मै बी दूर होती जा रही हूँ....
इसलिए लौट आओ मोहन मेरे....
अंतिम बार तुम्हे मना रही हूँ....
ये वक़्त है जाने क्या क्या दिन दिखायेगा....
ये शरीर फिर इस मिट्टी मे ही मिल जाएगा....
मै अपने isq से तुम्हे रुबरु करवा रही हूँ.
लौट आओ मोहन मेरे..
अंतिम बार तुम्हे मना रही हूँ....
थक जाता है दिल तुम्हे पुकारते पुकारते
रो पड़ती है आँखे हारते हारते..
मेरी खता की इतनी बड़ी सजा क्यो दे दी तुमने...
लौट आओ मोहन मेरे.
अंतिम बार तुम्हे मना रही हूँ...
मालूम है की तू मेरी मंजिल नहीं और मै तेरा रास्ता नहीं....
बस isq है तुमसे और कोई वास्ता नहीं..
मै भुला नही सकती तुम्हे..
अपने प्रेम की सौगंध खा रही हूँ...
लौट आओ मोहन मेरे...
अंतिम बार तुम्हे मना रही हूँ....
अंतिम बार
©Neema Bailwal
#lord_krishna