कमलेश अभी होना है समुद्र मंथन निकलने है उससे भी | हिंदी कविता

"कमलेश अभी होना है समुद्र मंथन निकलने है उससे भी बहुत रतन छोड़ा नहीं कोई कोना थल का अब आसरा बचा है बस जल का इंसान ने हर चीज पर किया अत्याचार है धरतीअपने इंसानों से ही लाचार है ©Kamlesh Kandpal"

 कमलेश अभी होना है समुद्र मंथन 
निकलने है उससे  भी बहुत रतन 
छोड़ा नहीं कोई कोना थल का 
अब आसरा बचा है बस जल का 
 इंसान ने हर चीज पर किया अत्याचार है
धरतीअपने इंसानों से ही लाचार है

©Kamlesh Kandpal

कमलेश अभी होना है समुद्र मंथन निकलने है उससे भी बहुत रतन छोड़ा नहीं कोई कोना थल का अब आसरा बचा है बस जल का इंसान ने हर चीज पर किया अत्याचार है धरतीअपने इंसानों से ही लाचार है ©Kamlesh Kandpal

#Smudra

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