तू मुझपे हक़ से हक जताया कर,
हु मै बस तेरा तू मुझे बताया कर,,
हर मोड़ पर साथ मिले बस तेरा,
तू रिश्ता मुझसे यु भी निभाया कर,,
धड़कन बन धड़कता रहू दिल मे तेरे,
ऐसे मुझे अपने दिल मे बसाया कर,
दिल के कोरे कागज़ पर मिले नाम मेरा,
ऐसा प्रेम ग्रन्थ अपना रचाया कर,,
दीदार से तेरे उदासी बने मुस्कान,
छुप छुप के मुझे ना सताया कर,,
हर राज जान लेती हो दिल का मेरे,
कभी खुद के भी राज बताया कर,,
रेगिस्तान सा ये मन मेरा प्यासा,
तू सावन सी घटा बन बरस जाया कर,,
पत्थर दिल मे प्रेम अंकुरित तुझसे,
मेघ सी जुल्फों से प्रेम बरसाया कर,
बेरंग जीवन मेरा सतरंगी बन जाए,
दिल की दीवारों मे मुझे सजाया कर,,
हर पल की ख़ुशी मे तुम हो शामिल,
तेरे हर गम मे आगे मुझे पाया कर,,
हो जाए राज प्यार का अब बे पर्दा,
हया का पर्दा हटा गले लगाया कर,,
छुप छुप के दीदार मेरा बहुत हुआ,
अब तो खुल के सामने आया कर,,
नजदीकियो मे भी रखी दुरी बड़ी,
तू खुद से अब ये दुरी मिटाया कर,,
उलझनो भरा जीवन अब नहीं जीना,
तू मेरी उलझनों को सुलझाया कर,,
कुछ अपनी कह , कुछ मेरी सुन,
ऐसी हसी शाम जीवन मे लाया कर,,
वो घर की नेम प्लेट अब भी खाली है,
उसपे अपना नाम लिखवाया कर,,
ख्वाब जो भी देखे तुझ बिन पूर्ण कब,
तू मेरे ख्वाबो की दुनिया बसाया कर,
मेरे हर हक़ पर हक़ रहे सदा तेरा,
तू मुझपे हक़ से हक़ जताया कर,,
बिन कहे सुनो भी और कह भी दो,
अपनी हर बात मुझे यु बताया कर...
दुनिया वाले कहते रहे मुझे पागल,,
तू मुझपे हक से हक जताया कर...
✍️नितिन कुवादे...
©Nitin Kuvade
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