तुम हकीक़त हो या फिर कोई फरेब... ना दिल से निकलते | हिंदी Shayari Vide

"तुम हकीक़त हो या फिर कोई फरेब... ना दिल से निकलते हो ना ज़िँदगी में आते हो... किस क़दर हो बेदर्द बंद लिफ़ाफ़े से हो समझ ही नहीं आते हो ©हिमांशु Kulshreshtha "

तुम हकीक़त हो या फिर कोई फरेब... ना दिल से निकलते हो ना ज़िँदगी में आते हो... किस क़दर हो बेदर्द बंद लिफ़ाफ़े से हो समझ ही नहीं आते हो ©हिमांशु Kulshreshtha

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