इश्क के दौड़ में हमेशा अव्वल होता हु सारी हदें पार | हिंदी Shayari

"इश्क के दौड़ में हमेशा अव्वल होता हु सारी हदें पार कर लेता हु बस एक इजहार का दरिया पार नहीं होता यह मुसलसल कहानी का अंजाम जानता हु मगर फिर भी वो टूटा हुआ किरदार निभा लेता हु जब बारिश बरसती है में उसका छाता बन कर ,खुद बुंदों से भीग जाता हु वो गुमान है मेरे वजूद का .. वो ख्वाब है हर शब का वो आइना है मेरे तबस्सुम का वो मिट्टी है मेरे दरख़्त का वो चांद है मेरे हिस्से का वो सूरज है मेरे रोशनी का.. वो इश्क है मेरे अधूरे इश्क का वो मुक्कमल है मेरे धड़कनों का यह शेर सारे लिखकर छोड़ देता हु जैसे हर बार उससे इजहार करना छोड़ देता हु ~आगम ©aagam_bamb"

 इश्क के दौड़ में हमेशा अव्वल होता हु
सारी हदें पार कर लेता हु
बस एक इजहार का दरिया पार नहीं होता

यह मुसलसल कहानी का अंजाम जानता हु
मगर फिर भी वो टूटा हुआ किरदार निभा लेता हु

जब बारिश बरसती है
 में उसका छाता बन कर ,खुद बुंदों से भीग जाता हु

वो गुमान है मेरे वजूद का ..
वो ख्वाब है हर शब का
वो आइना है मेरे तबस्सुम का
वो मिट्टी है मेरे दरख़्त का
वो चांद है मेरे हिस्से का
वो सूरज है मेरे रोशनी का..
वो इश्क है मेरे अधूरे इश्क का
वो मुक्कमल है मेरे धड़कनों का

यह शेर सारे लिखकर छोड़ देता हु
जैसे हर बार उससे इजहार करना छोड़ देता हु

~आगम

©aagam_bamb

इश्क के दौड़ में हमेशा अव्वल होता हु सारी हदें पार कर लेता हु बस एक इजहार का दरिया पार नहीं होता यह मुसलसल कहानी का अंजाम जानता हु मगर फिर भी वो टूटा हुआ किरदार निभा लेता हु जब बारिश बरसती है में उसका छाता बन कर ,खुद बुंदों से भीग जाता हु वो गुमान है मेरे वजूद का .. वो ख्वाब है हर शब का वो आइना है मेरे तबस्सुम का वो मिट्टी है मेरे दरख़्त का वो चांद है मेरे हिस्से का वो सूरज है मेरे रोशनी का.. वो इश्क है मेरे अधूरे इश्क का वो मुक्कमल है मेरे धड़कनों का यह शेर सारे लिखकर छोड़ देता हु जैसे हर बार उससे इजहार करना छोड़ देता हु ~आगम ©aagam_bamb

#Rose

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