कर्फ़्यू जो आज है, वो कल ना होगा ना ये ताज होगा, | हिंदी Shayari

"कर्फ़्यू जो आज है, वो कल ना होगा ना ये ताज होगा, ना ये महल होगा। ये जन्मो के कसमें वादे, सब बातें हैं । जाओगे जब कब्र में, कोई बगल ना होगा। ये भूख, ये गरीबी, ये टपकती छत ओर नींद ऐसा कोई बुनियादी मसला, मजहब से हल न होगा । ©Avinash Kumar"

 कर्फ़्यू  जो आज है, वो कल ना होगा
ना ये ताज होगा, ना ये महल होगा।
ये जन्मो के कसमें वादे, सब बातें हैं ।
जाओगे जब कब्र में, कोई बगल ना होगा।
ये भूख, ये गरीबी, ये टपकती छत ओर नींद
ऐसा कोई बुनियादी मसला, मजहब से हल न होगा ।

©Avinash Kumar

कर्फ़्यू जो आज है, वो कल ना होगा ना ये ताज होगा, ना ये महल होगा। ये जन्मो के कसमें वादे, सब बातें हैं । जाओगे जब कब्र में, कोई बगल ना होगा। ये भूख, ये गरीबी, ये टपकती छत ओर नींद ऐसा कोई बुनियादी मसला, मजहब से हल न होगा । ©Avinash Kumar

#Curfew2021

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