White हृदय की पगडंडियां✍🏻✍🏻✍🏻
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हृदय की पगडंडियों से होकर अब कोई गुजरता ही नहीं
तुम्हारी स्मृतियों से रास्ते अवरुद्ध है, इसमें कोई आता ही नहीं
एक हटाऊँ तो दूसरी सामने खड़ी रहती है
हिम के पर्वतों सी डटी पड़ी रहती है
कभी नरम,कभी गरम कभी शीतलता प्रदान करती है
तुम्हें ही सोचूं,तुम्हें ही चाहूं बस यही आज्ञा प्रदान करती है
इस हृदय में अब और किसी के लिए वो स्थान ही नहीं
कोई और अब आये हृदय में,अब कोई और अन्य प्रवेश द्वार भी नहीं
©Richa Dhar
#love_shayari ह्रदय की पगडंडियां कविताएं