बाबूजी ने थमा दी हमको एक निशानी अपने जमाने की बीस | हिंदी Poetry Video

"बाबूजी ने थमा दी हमको एक निशानी अपने जमाने की बीस पैसे का था वो सिक्का बोले कुछ ला दे चीज इससे खाने की हमने बोला बाबूजी अब इससे सिक्के का कोई मोल नहीं बिकता है इंसान भी यहां रुपयों में इस सिक्के का अब कोई रोल नहीं बाबूजी को आया गुस्सा तुरंत हाथ से सिक्का छीन लिया इससे तो अच्छा था वो जमाना जिसमें हमने इससे खूब सुख चैन लिया बाबूजी ने सर पर हाथ रखकर बोला बेटा क्या सीख तुम्हें इससे मिलती है जब तक चलता है नाम जमाने में दुनिया उसी के पीछे चलती है ©Dr Yatendra Gurjar "

बाबूजी ने थमा दी हमको एक निशानी अपने जमाने की बीस पैसे का था वो सिक्का बोले कुछ ला दे चीज इससे खाने की हमने बोला बाबूजी अब इससे सिक्के का कोई मोल नहीं बिकता है इंसान भी यहां रुपयों में इस सिक्के का अब कोई रोल नहीं बाबूजी को आया गुस्सा तुरंत हाथ से सिक्का छीन लिया इससे तो अच्छा था वो जमाना जिसमें हमने इससे खूब सुख चैन लिया बाबूजी ने सर पर हाथ रखकर बोला बेटा क्या सीख तुम्हें इससे मिलती है जब तक चलता है नाम जमाने में दुनिया उसी के पीछे चलती है ©Dr Yatendra Gurjar

#alone

People who shared love close

More like this

Trending Topic