अकेले में हम देते हैं ज्ञान
भीड़ में नहीं देते बयान।
अकेले में वाह - वाही बटोरते
अगर भीड़ में कोई खड़ा कर दे तो हम उसको कोसते।
सामने खड़े होकर हम यहीं सोचते की हम क्या बोले
दुनिया के सामने क्या राज खोले।
अगर हम किसी का खोलते राज
तब हम दुनिया के सामने मुँह दिखाने के हो जाते मोहताज।
आगे जाने से हम कतराते
और शर्म से सर झुकाते ही रह जाते।
इससे ज्यादा हम कुछ समझ नहीं पाते
बस सिर्फ जिंदगी भर सोचते ही रह जाते।
©Amit sharma
#Mic