White पल्लव की डायरी
आधे अधूरे फ़ैसले
अन्याय का पोषण कर रहे है
सियासतों के दबाकर केस,
अराजकता को हवा दे रहे है
दुरुपयोग कितना बढ़ गया कानूनों का
व्यवस्थाये होती तार तार है
टूट रहा सब्र का पैमाना माननीयो से
कायम मिशाल नही कर पा रहे है
मनमानियां सिर उठा चुकी है
न्याय और नैतिकता के अभाव में
देश गर्त की ओर जा रहा है
रहनुमाओं के भेष में छ्ल बल बढ़ गया है
सजा इन्हें कौन दे अब
जब न्याय का सूरज ही
अंधकार की ओर जा रहा हो
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#international_Justice_day जब न्याय का सूरज ही अंधकार की ओर जा रहा हो
#nojotohhindi