White पल्लव की डायरी
शह मात का यह खेल
,रग रग में बसा चुके है
कर्तव्यों को छोड़कर
ढ़ाई घर घोड़ा बढ़ा चुके है
ऊँट की आड़ी तिरछी चालो में
भ्र्ष्टाचार की गंगा बाहा चुके है
पैदल सिपाही को,अगिनवीर बना चुके है
हाथी की सीधी चाल चलने की
किसी भी सियासत में दम नही
जनता को सब शतरंज का मोहरा बना चुके है
राजा रानी की दुहाई देकर
मूर्ख लोकतंत्र के नाम पर बना चुके है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#International_Chess_Day राजा रानी की दुहाई देकर,मूर्ख लोकतंत्र में बनाने लगे है
#nojotohindi