"यार चल फिर वहीं चलें
उसी समय मे लौट चलें
कुछ बिखरे से रंगों में
उन महके से फूलों में
प्यारी तितली के संग उड़ें
फिर बचपन मे दौड़ पड़ें
मस्ती की धुन पे झूमेंगे
चल फिर से दुनिया भूलेंगे
उन्ही किताबों को फिर पढ़ें
तेरे लिए किसीसे लड़ पड़ें
यार यार से रूठे ना
फिरसे ये दिल टूटे ना
फिर चाहे तो रब रूठे
साथ न तेरा अब छूटे
न होता यूँ बेइंतेहा प्यार
न हमेशा का यूँ इंतज़ार
इसबार मैं बस दोस्त बनूँ
बस दोस्ती के पल गिनूँ
यार चल फिर वहीं चलें
उसी समय मे लौट चलें
©
©अनजान"