मैं क्या तारे तोड़ के लाता उसके लिए चाँद भी जिसको छ | हिंदी Shayari

"मैं क्या तारे तोड़ के लाता उसके लिए चाँद भी जिसको छत पे आकर मिल जाता हैं ! इश्क़ में तुमको हाँ कहने में दिक़्क़त क्या है घर बैठे बंदे को नौकर मिल जाता है ! ©Kabir Thakur"

 मैं क्या तारे तोड़ के लाता उसके लिए
चाँद भी जिसको छत पे आकर मिल जाता हैं !

इश्क़ में तुमको हाँ कहने में दिक़्क़त क्या है
घर बैठे बंदे को नौकर मिल जाता है !

©Kabir Thakur

मैं क्या तारे तोड़ के लाता उसके लिए चाँद भी जिसको छत पे आकर मिल जाता हैं ! इश्क़ में तुमको हाँ कहने में दिक़्क़त क्या है घर बैठे बंदे को नौकर मिल जाता है ! ©Kabir Thakur

#thelunarcycle

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