White रात की गहराइयों में अक्सर हम मिले,
दोस्ती के नाम पर ख़्वाबों में गुम हुए।
किसी रिश्ते का नाम कभी न लिया,
बस चुपचाप उस खेल में डूबते रहे।
मुद्दतों तक ये सिलसिला यूँ ही चलता रहा,
लबों पे हंसी, दिलों में एक अफ़साना रहा।
मोहब्बत का ज़िक्र हमने कभी किया नहीं,
दोस्ती की आड़ में खेल चलता रहा कहीं।
अब जब तन्हाईयों में ख़यालों का जिक्र है,
दोस्ती के उस लिबास में मोहब्बत की फिक्र है।
©बदनाम
दोस्ती के उस लिबास में मोहब्बत की फिक्र है।