White मैं अकेला हूं शायद,
सफ़र में अब साथ मेरे कोई नहीं है ।।
किस तरफ़ जा रहा हूं मैं,
फिकर भी इस बात की कोई नहीं है ।।
निकम्मा, आवारा, खुदगर्ज जो कहना है कहो,
पर याद रहे किस्मत मेरी अभी सोई नहीं है ।।
गुमनाम मंजिल की तलाश में, खो गया हूँ शायद,
मिलेगी नई राह, ये उम्मीद अभी तक मैंने खोई नहीं है।।
मतलब की इस दुनिया में, थोड़ा दर्द हुआ है मुझे भी,
पर बस जरा सी नम हैं, आंखे मेरी अभी रोई नही है।।
©Anmol Singh (AS)
नम है अभी, आंखें मेरी रोई नहीं है
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