खो गया वो बचपन।
जहां माटी मुंह में,
और मां की डांट साथ थी
दिनभर के खेल में
भूख कहा याद थी।
ना घर की फिक्र,न भविष्य की चिंता
हाथ में रहता था बस गिल्ली और डंडा।
खो गया वो बचपन।
जब कंचो कि बोली,
संग दोस्तो की टोली थी
गली गली फिरना
कहा संघर्षों की डोरी थी।
गुज़र गए वो दिन
जब रूठना, मनाना, हंसना और खेलना था ।
खो गया वो बचपन,
हाय ! खो गया वो बचपन।
©Anjali Prajapati
#Childhood