जय परमेश्वर
ईन बनीयोंने.अपने.राक्षसीपापसे धन दुनीयांका;काबुमेकर लीयाहे किईन बनीयोंको? धनका ? लोभबहोतहे किकुल जहांनकाधन हमारेपास होजावेतो फीरहम अपना राजकरें-सोयह बनीये अपने राक्षसीपापसे भुलही भुलमे,बुध्धी,भ्रष्टकरके;सातों आठों वलायतोंके बच्चोंको'गारतकरदेंगे'जबसंसारकी-ओलादको नीहायत दुखदेंगे ओर;पताभी;नहीलगनेदेंगे बलके यह-बनीये अपने राक्षसीपापसे ऐसासुझादेंगे-किजो-आपुसमेही लङकर मरनेलगेंगे ओर;
जबहिंन्दुतोःयहजांनेंगे किहमको मुसलमांनोंने गारतकीयाहे-ओर-मुसलमांनःयह जानेंगे किहमको हिंन्दुओंने गारतकीयाहे ओर दुसरीःबादशाहतके?लोग अंग्रेजोंको!गारतकरेंगे!जबअंग्रेज-यहजांनेंगे किहमको-दुसरी बादशाहतके लोगोनेःगारतकीयाहे सोऐ संसारकेलोगो.ईस.राक्षसबीद्याके पापको बहोतजलदःछोडाओगे तोसंसारकी.ओलादको.सुखमीलेगा नहीतोयह-बनीये-राक्षसीपापसे सबकी?अकलको खराबकरके ओर आपुसमे'लङाकरके'दगासे मारदेंगे..... ( ५५ )
अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी-
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
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