चबन्नी छाप मतदाता ने चुना
अठ्ठनी छाप सांसद
रूपैया छाप राजा ने
लगायी सांसदों की बोली
बिक गये सांसद
कौडियों के दाम
बिक गया जन गन
बे मोल बे भाव
मतदाता के एक हिस्से ने
तालियाँ बजायी
दूसरे ने मुँह बनाया
यह कहानी किस देश की है
आपको समझ आया
©Rabindra Prasad Sinha
#अ आ