ये पहली बार था तो मैं दिल से जरा घबराया था। पर उस | हिंदी कविता

"ये पहली बार था तो मैं दिल से जरा घबराया था। पर उस घबराहट में सुकून था मैं मुस्कुराया था।। गुलाब ले जाता पर वो फेंक ना दे ये डर आया था। पर वो डर भी मेरे दिल को किस कदर भाया था।। जरा इत्र लगाकर मित्र मैंने फिर कदम बढ़ाया था। सदायें धड़कनों की सुनते सुनते मैं पहुंच गया वहाँ, जहाँ उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था। मेरी आँखों में वो चेहरा क्या मेरा जहाँ आया था।। जरा सी वो शरमायी थी जरा सा मैं शरमाया था। फिर मेरी जेब का गुलाब उसके सीने से टकराया था। पता है क्यूँ क्योंकि हमने हाँथ तो बाद में मिलाया था उसने बाहें खोल दीं थीं तो मैंने गले लगाया था।।"

 ये पहली बार था तो मैं दिल से जरा घबराया था।
पर उस घबराहट में सुकून था मैं मुस्कुराया था।।
गुलाब ले जाता पर वो फेंक ना दे ये डर आया था।
पर वो डर भी मेरे दिल को किस कदर भाया था।।
जरा इत्र लगाकर मित्र मैंने फिर कदम बढ़ाया था।
सदायें धड़कनों की सुनते सुनते मैं पहुंच गया वहाँ,
जहाँ उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था।
मेरी आँखों में वो चेहरा क्या मेरा जहाँ आया था।।
जरा सी वो शरमायी थी जरा सा मैं शरमाया था।
फिर मेरी जेब का गुलाब उसके सीने से टकराया था।
पता है क्यूँ क्योंकि हमने हाँथ तो बाद में मिलाया था
उसने बाहें खोल दीं थीं तो मैंने गले लगाया था।।

ये पहली बार था तो मैं दिल से जरा घबराया था। पर उस घबराहट में सुकून था मैं मुस्कुराया था।। गुलाब ले जाता पर वो फेंक ना दे ये डर आया था। पर वो डर भी मेरे दिल को किस कदर भाया था।। जरा इत्र लगाकर मित्र मैंने फिर कदम बढ़ाया था। सदायें धड़कनों की सुनते सुनते मैं पहुंच गया वहाँ, जहाँ उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था। मेरी आँखों में वो चेहरा क्या मेरा जहाँ आया था।। जरा सी वो शरमायी थी जरा सा मैं शरमाया था। फिर मेरी जेब का गुलाब उसके सीने से टकराया था। पता है क्यूँ क्योंकि हमने हाँथ तो बाद में मिलाया था उसने बाहें खोल दीं थीं तो मैंने गले लगाया था।।

#Sard_subh_ki_mulakat #kavita #nojotohindi #nojoto #sayri #ishq #mohabbat #Romantic #poem

People who shared love close

More like this

Trending Topic