वो भी क्या दिन थे ज़ब मै हंसा करता था बिना किसी शि | हिंदी विचार

"वो भी क्या दिन थे ज़ब मै हंसा करता था बिना किसी शिकायत किये जिंदगी बसर करता था छोटे छोटे ख्वाब बना कर अपनी नींदो मे लाया करता था. धीरे धीरे दिन गुजरते गए और मै हँसी भी भूलता चला गया था ©Parasram Arora"

 वो भी क्या दिन थे ज़ब मै हंसा करता था
बिना  किसी शिकायत किये  जिंदगी बसर करता था
छोटे छोटे ख्वाब बना कर अपनी नींदो मे लाया करता था.
धीरे  धीरे  दिन गुजरते गए और मै हँसी भी भूलता  चला गया था

©Parasram Arora

वो भी क्या दिन थे ज़ब मै हंसा करता था बिना किसी शिकायत किये जिंदगी बसर करता था छोटे छोटे ख्वाब बना कर अपनी नींदो मे लाया करता था. धीरे धीरे दिन गुजरते गए और मै हँसी भी भूलता चला गया था ©Parasram Arora

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