तुझसे दूर जाने का इरादा ना था पर रुकते कैसे जब तुहि हमारा ना था
कभी फुरसत मिले तो इतना जरूर बताना वो कौन सि महोब्बत थी जो हम तुम्हें ना दे सके
फिसल कर वक्त के फर्श पर उम्र ढल रहीं है बिन जिये ही लगता है जैसे जिंदगी निकल रहीं है
खामोश हूँ मैं तो क्या तू भी तो. . आवाज दे कभी मैं भी तो समझूं कि तू कितनी बेचैन है मेरे लिये🙁🙁
©teerthraj nishad
#Raat