"Jai Shri Ram आज राम लला पधारे हैं
देखो तो कितने प्यारे हैं
हर घर में मन रही दीवाली
द्वीपों के जल रहे ज्वाले हैं
जुग जुग से जो इक आस लगी
सब प्यास मिटाने वाले हैं
डेहरी पर देखो आज मेरी
जगमग किये उजले नज़ारे हैं
धन्य भाग हमारे जो प्रभु जी
इस कालखंड में पधारे हैं
पूर्वजों की रक्त से लाल धरा
कितनों ने ही प्राण न्यौछारे हैं
रामराज्य को फिर स्थापित करने
चल पड़ी कई बयारे हैं
सुशासन का उद्घोष करे
जय राम नाम के जयकारे
©Pankaj Kathpalia
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