मेरे अंतस्तल के दर्पण में विराजित साज है हिन्दी मे

"मेरे अंतस्तल के दर्पण में विराजित साज है हिन्दी मेरे जीवन की हस्ती का अहम एक भाग है हिन्दी इस लेखनी की कोर से निकलती शब्द सुमन बनकर, कलुषित स्याही से गढ़ती पुनीत  राग  है हिन्दी ।। ✍मोहिनी शुक्ला"

 मेरे अंतस्तल के दर्पण में विराजित साज है हिन्दी
मेरे जीवन की हस्ती का अहम एक भाग है हिन्दी 
इस लेखनी की कोर से निकलती शब्द सुमन बनकर,
कलुषित स्याही से  गढ़ती  पुनीत  राग  है हिन्दी ।।
              
                 ✍मोहिनी शुक्ला

मेरे अंतस्तल के दर्पण में विराजित साज है हिन्दी मेरे जीवन की हस्ती का अहम एक भाग है हिन्दी इस लेखनी की कोर से निकलती शब्द सुमन बनकर, कलुषित स्याही से गढ़ती पुनीत  राग  है हिन्दी ।। ✍मोहिनी शुक्ला

#हिन्द_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

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