"Dear Poetry
खामोश लबों ने जो लिखे थे हाले बयां कभी,
तुमने उन ज़ज्बातों को अपना नाम दिया है
लिखकर मिटाती रही जिन अल्फाज़ों को मैं,
तुमने उन अक्शों को भी 'ख्याल' दिया है
मेरी डायरी में लिखी थी जो बातें अनकही,
तुमने कविता कहने का उन्हें अधिकार दिया है
-पूनम PP✍
©Miss Poonam.PP
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