हमें खुद पर है यकीन और खुद पर ऐतबार है मुश्किलों पर हो रहा प्रहार है! चलते चलते थक गए हम !पर हौसलों का जोर नहीं हुआ कम! मंजिल को पाने की ठान ली है खुद से खुद की पहचान ली है! मंजिलों को हासिल कर भी जाए हम सबसे रखना हमें सभ्य व्यवहार है! सफलता का अचूक ये मंत्र और ये ज्ञान ही का प्रकार है!
©Dinesh Kashyap
#सफलता