क्या अजीब है ना तपती धूप, तेज बारिश में हर कोई खुल | हिंदी Poetry Vide

"क्या अजीब है ना तपती धूप, तेज बारिश में हर कोई खुले आसमान के नीचे चलने से घबराता है वहीं शाम ढले सबको खुला आसमान याद आता है इसी तरह आजकल इंसान की अहमियत भी हैं! ©Anchal Godiyal (shine writer) "

क्या अजीब है ना तपती धूप, तेज बारिश में हर कोई खुले आसमान के नीचे चलने से घबराता है वहीं शाम ढले सबको खुला आसमान याद आता है इसी तरह आजकल इंसान की अहमियत भी हैं! ©Anchal Godiyal (shine writer)

#KhulaAasman

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