इश्क़ ने मुझे जितना छोड़ा है।
मैंने ख़ुद को उसके उतना करीब पाया है।
वो मुझसे सुकूँन लेकर, सुकूँन से सो रहे है।
उसका साया बनकर उसे सलामत रखूं,
इस नाचीज़ ने ऐसा सपना सजाया है।
बिखरे उसके बाल है, मासूम वो।
गालों से उसके मैने
कई बार बिखरी जुल्फों को हटाया हैii
©dev
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