White प्रदान वो ऊर्जा कर जाने।
तापे ज्वाला वो सुख लाने।।
जाते नीचे भीतर धरती।
उदर रहे न कभी खाली भी।
भूखों को भरदे थाली ही।।
प्राण कष्ट में डाल रहे हैं।
बच्चे ऐसे पाल रहे हैं।।
चिन्ता अब उनका करना है।
पीड़ा ना हो ये धरना है।।
संकट से अपने ना हारें।
आओ मिलके इन्हें उबारें।।
सदा खान में खोद कोयले।
नैया जीवन को वह ठेलें।।
जिसे काल गृह ही सब मानें।
©Bharat Bhushan pathak
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