आज फिर न जाने कितने ग़ुलाब तोड़ के मृतप्राय कर दिए जाएंगे; बस कुछ दिलों को जोड़ने के अभिनय केलिए।। यहाँ टूटने का अभिप्राय केवल टूटना है; और किसी के टूटने से किसी के जुड़ने का कोई अर्थ नही रह जाता। ©._.ArdhArya._. #HappyRoseDay Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto