याद है जब कहा था मेरी आंखों में आंसू नहीं आने दोगे
कोई कितना भी दिल दुखाए मुझे रोने नहीं दोगे
सच कहो उस वक्त तुमने झूठ कहा था ना.....
मेरी बातें सुनने का बहुत शौक था ना तुम्हें एक वक्त
अब कुछ भी कहूं तो नजर अंदाज करते हो तुम
सच कहो उस वक्त तुमने झूठ कहा था ना...
मेरे बिना कुछ कहे सब कुछ समझ लेने का दावा किया था ना
मुझे कभी तकलीफ नहीं दोगे ये वादा भी किया था ना
सच कहो उस वक्त तुमने झूठ कहा था ना...
जब भी मिले यही कहा कि तुझे खुद से दूर नहीं जाने दूंगा
किसी को हमारे बीच आने नही दूंगा
गलतफहमियां इतनी बढ़ा ली कि कम भी न की गई
सच कहो उस वक्त तुमने जो कहा झूठ कहा था ना...
©Sangeeta Singh
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