White पल्लव की डायरी गफलत में,है लोग जोर अन्याय का | हिंदी कविता

"White पल्लव की डायरी गफलत में,है लोग जोर अन्याय का बढ़ रहा है तंत्र हावी होकर जनता को नींबू की तरह निचोड़ रहा है अस्त व्यस्त होकर कराहती जनता महँगाई का जिन्न कद में बड़ा हो रहा है माई बाप होती सरकारे जनता की जीने का संबल देती है खजाने का मतलब ही पोषण है जनता को फलने फूलने देती है मगर अब नजरिया शोषण का है ना रोजगार ना नॉकरी करने देती है कानून की पट्टी जनता के बांध अन्य आय संस्थाओं के माध्यम से करती रहती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 White पल्लव की डायरी
गफलत में,है लोग
जोर अन्याय का बढ़ रहा है
तंत्र हावी होकर
जनता को नींबू की तरह निचोड़ रहा है
अस्त व्यस्त होकर कराहती जनता
महँगाई का जिन्न कद में बड़ा हो रहा है
माई बाप होती सरकारे जनता की
जीने का संबल देती है
खजाने का मतलब ही पोषण है
जनता को फलने फूलने देती है
मगर अब नजरिया शोषण का है
ना रोजगार ना नॉकरी करने देती है
कानून की पट्टी जनता के बांध
अन्य आय संस्थाओं के 
माध्यम से करती रहती है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी गफलत में,है लोग जोर अन्याय का बढ़ रहा है तंत्र हावी होकर जनता को नींबू की तरह निचोड़ रहा है अस्त व्यस्त होकर कराहती जनता महँगाई का जिन्न कद में बड़ा हो रहा है माई बाप होती सरकारे जनता की जीने का संबल देती है खजाने का मतलब ही पोषण है जनता को फलने फूलने देती है मगर अब नजरिया शोषण का है ना रोजगार ना नॉकरी करने देती है कानून की पट्टी जनता के बांध अन्य आय संस्थाओं के माध्यम से करती रहती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#international_Justice_day कानून की पट्टी जनता के बाँध
#nojotohindi

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