मुझे तेरी यादों का सहारा चाहिए ।
यानी खुशियाॅं फिर मुझको दोबारा चाहिए ।।
यूं तो जमाना रोएगा मेरी मौत पे ।
मगर जनाजे पर आंसू तुम्हारा चाहिए ।।
सुना है आजकल बहुत उदास रहती हो ।
कहीं ऐसा तो नहीं साथ हमारा चाहिए ।।
तुम्हें बेवफाई करने की क्या जरूरत थी ।
बस इतना कह देती कि छुटकारा चाहिए ।।
लोग पूछते हैं मुझसे तेरी आरजू क्या है ।
मैं कहता हूॅं मुझे दर्द भरा नजारा चाहिए ।।
अब तो शब्द ही नहीं मिलते शायरी के लिए ।
मुझे तुमसे कुछ जख्म का पिटारा चाहिए ।।
©Prabhat Kumar