कभी न सोचा था भारत की गलियों में
जिस्मों को बेचा जाएगा
घर-घर घर बैठे होंगे दानव
3 साल की बच्ची तक को ना बख्शा जाएगा
....और तू बस बैठा कट्टर होकर
जय श्रीराम के नारे गाएगा
शबरी के झूठे बेरों की
श्रद्धा को बुलाया जाएगा
गोरी चमड़ी और दिखावे में
सीता को रुलाया जाएगा
....और तू बस बैठा कट्टर होकर
जय श्रीराम के नारे गाएगा
नन्हे नन्हे बच्चों के हाथों में
खाली कटोरा आयेगा
शिक्षा को गुरुकुल से चोरी कर
धंधे पर नचाया जाएगा ।
....और तू बस बैठा कट्टर होकर
जय श्रीराम के नारे गाएगा