White जिन ख्वाबों से सवर सकती थी जिंदगी अपनी अफसोस | हिंदी शायरी

"White जिन ख्वाबों से सवर सकती थी जिंदगी अपनी अफसोस वो ख्वाब मेरी आंख में नहीं आए जिन हाथों से बदल सकता था मुकद्दर अपना वो खुश नसीब हांथ भी मेरे हाथ में नहीं आए मोहब्बत के इम्तिहान में हम फेल हो गए इश्क़ प्यार मोहब्बत वफ़ा जैसे लफ़्ज़ सवालात में नहीं आए किसी से मेरी बाते मेरा जिक्र भी नहीं किया हम क्या इतने बुरे थे तेरे ख्यालात में नहीं आए दूर से करते रहे वो इशारे मोहब्बत के हाए अफसोस वो पास में नहीं आए मुद्दतों बाद मुलाकात का मौसम था भीगने के डर से वो बरसात में नहीं आए ©Shoheb alam shayar jaipuri"

 White जिन ख्वाबों से सवर सकती थी जिंदगी अपनी
अफसोस वो ख्वाब मेरी आंख में नहीं आए

जिन हाथों से बदल सकता था मुकद्दर अपना
वो खुश नसीब हांथ भी मेरे हाथ में नहीं आए

मोहब्बत के इम्तिहान में हम फेल हो गए
इश्क़ प्यार मोहब्बत वफ़ा जैसे लफ़्ज़ सवालात में नहीं आए

किसी से मेरी बाते मेरा जिक्र भी नहीं किया
हम क्या इतने बुरे थे तेरे ख्यालात में नहीं आए

दूर से करते रहे वो इशारे मोहब्बत के
हाए अफसोस वो पास में नहीं आए

मुद्दतों बाद मुलाकात का मौसम था 
भीगने के डर से वो बरसात में नहीं आए

©Shoheb alam shayar jaipuri

White जिन ख्वाबों से सवर सकती थी जिंदगी अपनी अफसोस वो ख्वाब मेरी आंख में नहीं आए जिन हाथों से बदल सकता था मुकद्दर अपना वो खुश नसीब हांथ भी मेरे हाथ में नहीं आए मोहब्बत के इम्तिहान में हम फेल हो गए इश्क़ प्यार मोहब्बत वफ़ा जैसे लफ़्ज़ सवालात में नहीं आए किसी से मेरी बाते मेरा जिक्र भी नहीं किया हम क्या इतने बुरे थे तेरे ख्यालात में नहीं आए दूर से करते रहे वो इशारे मोहब्बत के हाए अफसोस वो पास में नहीं आए मुद्दतों बाद मुलाकात का मौसम था भीगने के डर से वो बरसात में नहीं आए ©Shoheb alam shayar jaipuri

#love_shayari

People who shared love close

More like this

Trending Topic