शीतल चाँद नही सूरज का ताप लिखूँगा अब जो भी लिखूँगा साफ़ साफ़ लिखूँगा इन जातियों के ठेकेदारों की बातें देखकर मैं श्रृंगार छोड़ समाज के खिलाफ लिखूँगा ✍️दुर्गेश कुमार 'रजनीश' ©Durgesh kumar #protest Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto