Unsplash भूल का मूल्य चुकाना पड़ेगा। कर्मो का शूल | हिंदी कविता

"Unsplash भूल का मूल्य चुकाना पड़ेगा। कर्मो का शूल सुखाना पड़ेगा। हुआ है गलती तो, ज्ञात करना पड़ेगा। ठहर के स्वयं से, बात करना पड़ेगा। कैसे कर्मों में हेर-फेर हुआ। हुआ तो मालूम कैसे न हुआ। अब जो हुआ सो हुआ सुध लेना पड़ेगा। अब अपने ही विरुद्ध युद्ध लेना पड़ेगा। ©Narendra kumar"

 Unsplash भूल का मूल्य चुकाना पड़ेगा।
कर्मो का शूल सुखाना पड़ेगा। 
हुआ है गलती तो,
ज्ञात करना पड़ेगा।
ठहर के स्वयं से,
बात करना पड़ेगा।
कैसे कर्मों में हेर-फेर हुआ।
हुआ तो मालूम कैसे न हुआ।
अब जो हुआ सो हुआ सुध लेना पड़ेगा।
अब अपने ही विरुद्ध युद्ध लेना पड़ेगा।

©Narendra kumar

Unsplash भूल का मूल्य चुकाना पड़ेगा। कर्मो का शूल सुखाना पड़ेगा। हुआ है गलती तो, ज्ञात करना पड़ेगा। ठहर के स्वयं से, बात करना पड़ेगा। कैसे कर्मों में हेर-फेर हुआ। हुआ तो मालूम कैसे न हुआ। अब जो हुआ सो हुआ सुध लेना पड़ेगा। अब अपने ही विरुद्ध युद्ध लेना पड़ेगा। ©Narendra kumar

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