ना मैं सही हूं आजकल
गलत तू भी नही है यारा।
एक तेरी जीत की आस में
मैं हर रोज़ हूं खुद से हारा।
ना बातें मेरी अब
होती है मुकम्मल
ना सुनने को कोई
कान है यहां।
मैं हाले दिल सुनाऊं भी
तो किसको
हर मकां खामोश,
हर गली सुनसान है यहां।
©Shah.nawaz
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