सन्नाटे में तेरी आहट सुनाई दी, ख़्वाबों से निकल कर | हिंदी शायरी

"सन्नाटे में तेरी आहट सुनाई दी, ख़्वाबों से निकल कर गया, तू जुदा भी नहीं। वक्त के साथ जख़्म भले भर गए हों, पर तेरा असर, वो पुरानी दवा भी नहीं। माना वक्त ने हमें दूर कर दिया, लेकिन तेरा इश्क़ ,कभी खत्म हुआ भी नहीं। तेरी यादों में बसा हर पल, हर लम्हा, जैसे ये दिल, तेरे बिना हो ही नहीं। ©नवनीत ठाकुर"

 सन्नाटे में तेरी आहट सुनाई दी,
ख़्वाबों से निकल कर गया, तू जुदा भी नहीं।
वक्त के साथ जख़्म भले भर गए हों,
पर तेरा असर, वो पुरानी दवा भी नहीं।
माना वक्त ने हमें दूर कर दिया,
लेकिन तेरा इश्क़ ,कभी खत्म हुआ भी नहीं।
तेरी यादों में बसा हर पल, हर लम्हा,
जैसे ये दिल, तेरे बिना हो ही नहीं।

©नवनीत ठाकुर

सन्नाटे में तेरी आहट सुनाई दी, ख़्वाबों से निकल कर गया, तू जुदा भी नहीं। वक्त के साथ जख़्म भले भर गए हों, पर तेरा असर, वो पुरानी दवा भी नहीं। माना वक्त ने हमें दूर कर दिया, लेकिन तेरा इश्क़ ,कभी खत्म हुआ भी नहीं। तेरी यादों में बसा हर पल, हर लम्हा, जैसे ये दिल, तेरे बिना हो ही नहीं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर

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