पता है मुझे तुम क्यूं पसंद आए ??
तुम मुझे मेरी तरह सादगी प्रिय लगे,
कृत्रिम चांदी के वर्क में लिपटे हुए नहीं लगे,
मैंने तुम्हारे मन को गहराई से पढ़ा,
तुम्हारे मन को मैंने जाना और समझा,
प्रभाव छोड़ती हैं तुम्हारी बातें मुझ पर,
हां पर तुम इतना कहते नहीं खुल कर,
बहुत नायाब हो तुम मेरे लिए,
और क्या कहूं तुम्हारे लिए,
खुशनुमा सफ़र में तुम्हारा साथ मिला,
और क्या चाहिए ज़िंदगी जीने के लिए..!!
- Kiran ✍🏻❤️🧿
©ख्वाहिश _writes