nullसमंदर की लहरों में अभी उछाल आना बाकी है
ज़िन्दगी के सफ़र में अपनी का साथ निभाना बाकी है
बीत जाएंगे ये दिन भी गमों के पल भर में,
अभी तो खुशियों का फसाना आना भी बाकी है
जीवन के इस मंच पर, कई किरदार निभाना बाकी है
मर गई जो गर्भ में ही, उसका इंसाफ पाना बाकी है
शैतानों की इं बस्तियों का जल जाना भी बाकी है
इस मुल्क में इंसानियत के फरिश्ते अभी भी बाकी है। #NojotoVoice
insaniyat
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